Recent Posts

69000 शिक्षक भर्ती 2025 सुप्रीम कोर्ट सुनवाई: विवाद, कानूनी स्थिति और भविष्य का रास्ता

WhatsApp WhatsApp Channel
Join Now
Telegram Telegram Group
Join Now

उत्तर प्रदेश की चर्चित 69000 सहायक शिक्षक भर्ती एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर है। 21 जुलाई 2025 को इस बहुचर्चित मामले में फिर से सुनवाई होनी है, जिस पर लाखों अभ्यर्थियों की निगाहें टिकी हुई हैं। विवाद का मुख्य कारण है – कटऑफ अंक और चयन की वैधता को लेकर दो पक्षों में मतभेद


69000 शिक्षक भर्ती: केस की पृष्ठभूमि

भर्ती प्रक्रिया की शुरुआत

यह भर्ती प्रक्रिया साल 2018 में योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा घोषित की गई थी। 6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा कराई गई। भर्ती का उद्देश्य था उत्तर प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक पदों की भारी कमी को पूरा करना।

प्रारंभिक कटऑफ और विवाद

परिणाम जारी होने के बाद सरकार ने सामान्य वर्ग के लिए 65% और आरक्षित वर्ग के लिए 60% कटऑफ तय किया। यह कटऑफ UP Basic Education Department द्वारा निर्धारित किया गया था। लेकिन कुछ अभ्यर्थियों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।

चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति

सरकार ने निर्धारित कटऑफ के अनुसार लगभग 67,867 अभ्यर्थियों का चयन कर लिया और उन्हें नियुक्ति पत्र भी दे दिया गया। हालांकि, शेष अभ्यर्थियों ने lower cut-off की मांग को लेकर अदालत का रुख किया।

दो पक्ष – कटऑफ को लेकर संघर्ष

वर्तमान में दो पक्ष बन चुके हैं:

  • पहला पक्ष: जो हाई कटऑफ के साथ चयनित हो चुके हैं, वे यथास्थिति बनाए रखना चाहते हैं।
  • दूसरा पक्ष: वे अभ्यर्थी जो कटऑफ कम होने पर चयनित हो सकते थे, वे रिवाइज्ड कटऑफ की मांग कर रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट में 21 जुलाई 2025 की सुनवाई क्यों अहम?

लंबित याचिकाएं और अंतरिम आदेश

2024 से सुप्रीम कोर्ट में इस भर्ती से संबंधित कई याचिकाएं लंबित हैं। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने सरकार और याचिकाकर्ताओं दोनों को अपना पक्ष स्पष्ट करने को कहा था।

क्या हो सकती है संभावित कार्रवाई?

सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में यह तय हो सकता है कि:

  • कटऑफ सही था या नहीं
  • नई मेरिट लिस्ट बनेगी या नहीं
  • नियुक्तियों पर रोक लगेगी या नहीं

चयनित अभ्यर्थियों की चिंता

जो अभ्यर्थी पहले ही नियुक्त हो चुके हैं, उन्हें डर है कि कहीं कोर्ट का फैसला उनकी नौकरी पर असर न डाले। कई अभ्यर्थी 2–3 वर्षों से स्कूलों में पढ़ा रहे हैं।

सरकार की स्थिति

उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि उन्होंने मानक प्रक्रिया के तहत भर्ती की है और कटऑफ भी पारदर्शिता से तय किया गया था। सरकार कोर्ट से नियुक्ति बचाने की अपील कर चुकी है।


कानूनी नजरिया – क्या कहता है संविधान और शिक्षा नीति?

Article 16 और समान अवसर

संविधान का अनुच्छेद 16 समान रोजगार के अवसरों की गारंटी देता है, लेकिन इसमें योग्यता के आधार पर चयन का भी जिक्र है। इस आधार पर सरकार कटऑफ को उचित ठहराती है।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्ववर्ती फैसले

इससे पहले NEET, UGC-NET, और JEE जैसे एग्जाम्स में भी कटऑफ को चुनौती दी जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट का झुकाव अक्सर परीक्षा संचालन निकाय की नीति की ओर होता है, जब तक कटऑफ में भेदभाव न दिखे।

शिक्षा मंत्रालय की गाइडलाइंस

National Education Policy 2020 में भी शिक्षक भर्ती में transparency और merit को प्राथमिकता देने की बात कही गई है।

Equal Opportunity बनाम Merit

कटऑफ कम करने की मांग करने वाले अभ्यर्थी “equal opportunity” का हवाला देते हैं, जबकि चयनित अभ्यर्थी “merit-based selection” की बात करते हैं।


भर्ती प्रक्रिया से जुड़े आंकड़े और विश्लेषण

श्रेणीविवरण
कुल पद69,000
नियुक्ति पत्र वितरित67,867
परीक्षा तिथि6 जनवरी 2019
सामान्य वर्ग कटऑफ65% (97 अंक)
आरक्षित वर्ग कटऑफ60% (90 अंक)
लंबित याचिकाएं14+
कोर्ट की अगली सुनवाई21 जुलाई 2025

छात्र क्या कह रहे हैं? – सोशल मीडिया से प्रतिक्रियाएं

Twitter Trends

#69000ShikshakBharti और #JusticeForCandidates जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं। हजारों छात्र कोर्ट से निष्पक्ष निर्णय की उम्मीद कर रहे हैं।

चयनित अभ्यर्थियों की राय

उनका कहना है कि यदि उन्हें नौकरी से निकाला गया, तो यह अन्याय होगा क्योंकि वे नियुक्ति के बाद कई वर्षों से कार्यरत हैं।

कम अंक वाले छात्रों की मांग

वे चाहते हैं कि कटऑफ घटाया जाए या उन्हें भी मौका मिले। उनका कहना है कि सरकार ने अचानक कटऑफ बढ़ाकर अन्याय किया।

प्रतियोगी मंचों पर बहस

YouTube channels, Telegram groups और Forums पर भी यह मुद्दा गर्माया हुआ है। छात्र जानना चाहते हैं – “क्या हमारी मेहनत बेकार जाएगी?”


आगे क्या हो सकता है? संभावित निर्णय की दिशाएं

कोर्ट वर्तमान कटऑफ को वैध माने

यदि कोर्ट को कटऑफ तय करने की प्रक्रिया उचित लगे, तो नियुक्तियों को बरकरार रखा जा सकता है।

नई मेरिट लिस्ट बन सकती है

कोर्ट अगर तय करता है कि कटऑफ गलत था, तो फिर पूरी मेरिट लिस्ट रिवाइज की जा सकती है।

आंशिक राहत भी संभव

संभव है कोर्ट चयनित उम्मीदवारों को न हटाकर future batch में कम कटऑफ वाले अभ्यर्थियों को मौका दे।

सरकार से मुआवजा या विशेष भर्ती

यदि चयनित अभ्यर्थियों को हटाया जाता है, तो सरकार से alternate job या मुआवजे की मांग हो सकती है।


FAQs – छात्रों के जरूरी सवाल

Q1. क्या सुप्रीम कोर्ट से भर्ती रद्द हो सकती है?

A. यदि कोर्ट को कटऑफ तय करने की प्रक्रिया गलत लगे, तो रद्दीकरण संभव है, लेकिन यह असंभव नहीं है।

Q2. जिनकी नौकरी लग गई है, क्या वे हट सकते हैं?

A. यह कोर्ट के निर्णय पर निर्भर करता है, लेकिन सरकार उन्हें बचाने की पूरी कोशिश कर रही है।

Q3. क्या कोर्ट नई मेरिट लिस्ट बनाने को कह सकता है?

A. हां, यदि फैसला कटऑफ के खिलाफ आता है तो नई मेरिट लिस्ट संभव है।

Q4. अब तक कितनी बार सुनवाई हो चुकी है?

A. इस मामले में अब तक लगभग 6 बार सुनवाई हो चुकी है और 14 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं।

Q5. अगली सुनवाई कब है?

A. अगली सुनवाई 21 जुलाई 2025 को सुप्रीम कोर्ट में निर्धारित है।

निष्कर्ष (Conclusion)

69000 शिक्षक भर्ती विवाद केवल एक कानूनी मुद्दा नहीं है, बल्कि लाखों युवाओं की भावनाओं, मेहनत और भविष्य से जुड़ा मसला है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला तय करेगा कि मेरिट और अवसर के बीच संतुलन कैसे बनाया जाए। इस सुनवाई का असर न केवल चयनित अभ्यर्थियों बल्कि भविष्य की सभी सरकारी भर्तियों की पारदर्शिता और प्रक्रिया पर भी पड़ेगा।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Максимальная ставка при отыгрыше бонуса и последствия ее превышения

News

Казино с бонусом 100 и фриспины за первый депозит гид по лучшим комбинированным бонусам

News

Голографический принцип бренда как отражение философии на каждом касании с клиентом

News

Драгон Мани История Бренда

News
Ad
Scroll to Top