परिचय
ऑनलाइन ठगी का दौर लगातार बढ़ रहा है, और शातिर ठग अब समाज की सबसे भावनात्मक संस्था — विवाह — को भी शिकार बना रहे हैं। उत्तर प्रदेश के वाराणसी ज़िले से एक ऐसा ही मामला सामने आया है जिसमें एक युवक ने फर्जी आर्मी अफसर बनकर दर्जनों महिलाओं से शादी का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी की। उसने मेट्रिमोनियल वेबसाइट्स और सोशल मीडिया को अपना हथियार बनाया। इस पूरे मामले की गंभीरता को समझना जरूरी है ताकि आगे इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।

ठगी का तरीका: कैसे चलता था फर्जी आर्मी अफसर का जाल?
प्रोफाइल में फर्जी आर्मी यूनिफॉर्म की तस्वीरें
आरोपी युवक मेट्रिमोनियल साइट्स जैसे Jeevansathi, Shaadi.com और Bharat Matrimony पर प्रोफाइल बनाता था, जिसमें उसकी फोटो आर्मी की वर्दी में होती थी। इससे वह महिलाओं और उनके परिवारों का भरोसा जीत लेता था। अपनी प्रोफाइल में वह खुद को सेना में लेफ्टिनेंट या मेजर के पद पर बताता था और पोस्टिंग जम्मू-कश्मीर या अरुणाचल प्रदेश जैसी संवेदनशील जगहों की देता था।
मैन्युपुलेटिव कम्युनिकेशन और इमोशनल कनेक्शन
एक बार जब महिला उसका प्रस्ताव स्वीकार कर लेती, तब वह भावनात्मक रूप से उसे अपने साथ जोड़ने की कोशिश करता। वह शादी की जल्दी करने का दबाव बनाता और भरोसे का माहौल बनाता। वह खुद को देशभक्त, ईमानदार और सीधे-सादे व्यक्ति के रूप में पेश करता।
नकली दस्तावेज़ और डिजिटल पहचान
ठग ने अपने पास फर्जी आर्मी आईडी कार्ड, नियुक्ति पत्र, CSD कार्ड और अन्य सैन्य दस्तावेज बना रखे थे। इसके अलावा, वह समय-समय पर वीडियो कॉल्स करता था जिसमें वह आर्मी जैसी लोकेशन के बैकग्राउंड का इस्तेमाल करता। वह डिजिटल रूप से खुद को असली अफसर दिखाने के लिए सारी कोशिशें करता था।
पैसे की डिमांड
जब महिला का भरोसा पूरी तरह जीत लिया जाता, तो वह शादी की तैयारियों के नाम पर पैसे मांगता। जैसे – मेडिकल इमरजेंसी, पोस्टिंग की फीस, गिफ्ट भेजने के खर्चे या अन्य आपात स्थिति। पैसे UPI या बैंक ट्रांसफर से मंगवाता और फिर कुछ समय बाद संपर्क तोड़ देता।
वाराणसी पुलिस की तफ्तीश और गिरफ्तारी
पहली शिकायत पर शुरू हुई जांच
एक महिला ने वाराणसी के सिगरा थाने में शिकायत दर्ज कराई कि एक आर्मी अफसर ने शादी का वादा कर उससे करीब ₹1.5 लाख ठग लिए और अब वह संपर्क में नहीं है। इस शिकायत के आधार पर वाराणसी पुलिस ने जांच शुरू की।
टेक्निकल सर्विलांस और डिजिटल ट्रैकिंग
पुलिस ने सबसे पहले आरोपी के मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट को ट्रेस किया। उसके UPI आईडी और सोशल मीडिया प्रोफाइल्स को ट्रैक किया गया। इसके अलावा, मेट्रिमोनियल वेबसाइट्स से भी आरोपी की गतिविधियों का डेटा इकट्ठा किया गया।
आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
पुलिस ने आरोपी की पहचान नवनीत कुमार सिंह के रूप में की, जो कि उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले का रहने वाला है। आरोपी की उम्र करीब 35 साल है और वह पहले भी इसी तरह के मामलों में जेल जा चुका है। पुलिस ने उसे वाराणसी से गिरफ्तार किया और उसके पास से कई फर्जी दस्तावेज, मोबाइल फोन, सिम कार्ड और फर्जी वर्दी बरामद की।
कानूनी कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी पर IPC की धारा 419 (व्यक्तित्व की धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी), 467 (फर्जी दस्तावेज बनाना) और 468 (धोखाधड़ी के लिए फर्जीवाड़ा करना) के तहत मामला दर्ज किया है। उसे अदालत में पेश कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
ठगी की शिकार महिलाएं: भावनात्मक और आर्थिक नुकसान
25 से अधिक पीड़िताएं
पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी ने अलग-अलग मेट्रिमोनियल प्लेटफॉर्म पर कम से कम 25 महिलाओं को अपना निशाना बनाया था। इनमें से कुछ महिलाएं उत्तर प्रदेश से थीं, जबकि अन्य दिल्ली, मध्य प्रदेश और राजस्थान की रहने वाली थीं।
₹30 लाख से ज्यादा की ठगी
पुलिस का अनुमान है कि आरोपी ने इन महिलाओं से कुल मिलाकर ₹30 लाख से ज्यादा की रकम ठगी है। यह रकम अलग-अलग समय पर शादी, मेडिकल इमरजेंसी या गिफ्ट्स के नाम पर वसूली गई।
मानसिक और सामाजिक प्रभाव
इस ठगी का सबसे बड़ा प्रभाव पीड़ित महिलाओं पर मानसिक और सामाजिक तौर पर पड़ा है। उनमें से कुछ ने नौकरी छोड़ दी, कुछ ने परिवार से रिश्ते तोड़ लिए, और कुछ ने मानसिक तनाव के चलते थेरेपी लेना शुरू कर दिया। यह सिर्फ आर्थिक नुकसान नहीं, बल्कि भावनात्मक धोखा भी था।
क्यों बढ़ रहे हैं Matrimonial Frauds?
डिजिटल अनपढ़ता और Blind Trust
आज भी कई लोग इंटरनेट के जरिए मिलने वाले व्यक्तियों पर बिना जांच के भरोसा कर लेते हैं। खासकर जब कोई सरकारी अधिकारी या फौजी बनकर सामने आता है, तो परिवार वाले बिना सोचे-समझे रिश्ता तय कर देते हैं।
मेट्रिमोनियल साइट्स की कमजोर जांच प्रक्रिया
हालांकि अधिकतर मेट्रिमोनियल वेबसाइट्स प्रोफाइल्स की सत्यता की जांच करती हैं, लेकिन कई बार यह प्रक्रिया सतही होती है। फर्जी दस्तावेज और डिजिटल ट्रिक्स से कोई भी व्यक्ति अपने बारे में गलत जानकारी दे सकता है।
समाज में शादी का दबाव
कई बार महिलाओं और उनके परिवारों पर शादी का सामाजिक दबाव इतना होता है कि वे जल्दी फैसले ले लेते हैं। यही वजह है कि बिना वेरिफिकेशन किए शादी के नाम पर पैसे भी भेज देते हैं।
सावधानी ही सुरक्षा: मेट्रिमोनियल फ्रॉड से कैसे बचें?
किसी भी व्यक्ति से मिलने से पहले वेरिफिकेशन करें
अगर कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी में होने का दावा करता है, तो उसके विभागीय पहचान पत्र, बैज नंबर और नियुक्ति स्थान को RTI या विभागीय वेबसाइट से जांचें।
वीडियो कॉल और फेस-टू-फेस मीटिंग जरूरी है
सिर्फ चैट या फोन कॉल से किसी पर भरोसा न करें। कम से कम एक बार वीडियो कॉल करें और संभव हो तो सार्वजनिक जगह पर परिवार के साथ मिलें।
पैसे की मांग होते ही सतर्क हो जाएं
शादी की प्रक्रिया में पैसे मांगना एक बड़ा अलार्म है। बिना किसी कानूनी या पारिवारिक बंधन के कभी भी पैसे न भेजें।
सोशल मीडिया और Reverse Image Search का करें इस्तेमाल
अगर सामने वाला व्यक्ति फोटो भेजता है, तो उसे Google Reverse Image Search से जांचें कि वह कहीं और इस्तेमाल हो रही है या नहीं।
आंकड़े और विशेषज्ञों की राय
| तथ्य | स्रोत | विवरण |
|---|---|---|
| आरोपी का नाम | वाराणसी पुलिस | नवनीत कुमार सिंह |
| ठगी की रकम | पुलिस जांच | ₹30 लाख+ |
| महिलाओं की संख्या | मेट्रिमोनियल साइट रिपोर्ट | 25+ |
| पहले के अपराध | पुलिस रिकॉर्ड | दो बार जेल जा चुका |
विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में ऑनलाइन मेट्रिमोनियल फ्रॉड के मामले सालाना 20% की दर से बढ़ रहे हैं। 2024 में साइबर क्राइम पोर्टल पर 12,000 से अधिक matrimonial fraud की शिकायतें दर्ज हुईं थीं। इनमें से 60% मामलों में आरोपी ने खुद को सरकारी अफसर बताया था।
FAQs (Frequently Asked Questions)
Ans: इस ठगी कांड में आरोपी नवनीत कुमार सिंह है, जो उत्तर प्रदेश के सोनभद्र का निवासी है। उसने खुद को फर्जी आर्मी अफसर बताकर मेट्रिमोनियल साइट्स पर 25+ महिलाओं को शादी का झांसा देकर ठगा।
Ans: आरोपी ने मेट्रिमोनियल वेबसाइट्स पर आर्मी यूनिफॉर्म में अपनी फर्जी प्रोफाइल बनाई और महिलाओं से इमोशनल कनेक्शन बनाकर शादी का वादा किया। इसके बाद वह मेडिकल इमरजेंसी या शादी की तैयारी के नाम पर पैसे मंगवाता और फिर गायब हो जाता।
Ans: पुलिस जांच के अनुसार अब तक ₹30 लाख से अधिक की ठगी की पुष्टि हुई है। यह रकम अलग-अलग महिलाओं से अलग-अलग बहानों से मंगवाई गई थी।
Ans: किसी भी व्यक्ति की पहचान को verify करें, पैसे मांगने पर सतर्क हो जाएं, Google reverse image search का उपयोग करें, और मेट्रिमोनियल साइट्स की सुरक्षा गाइडलाइंस का पालन करें।
Ans: आरोपी को digital surveillance, फोन लोकेशन ट्रैकिंग, और मेट्रिमोनियल साइट्स से मिले डेटा के आधार पर गिरफ्तार किया गया। वाराणसी साइबर सेल और क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई से यह गिरफ्तारी संभव हुई।
निष्कर्ष
वाराणसी की यह घटना न केवल एक ठगी का मामला है, बल्कि यह हमारे समाज की डिजिटल अनपढ़ता और जल्दी भरोसा कर लेने की प्रवृत्ति को भी उजागर करती है। फर्जी आर्मी अफसर बनकर महिलाओं को ठगने वाला यह आरोपी भले ही जेल पहुंच गया हो, लेकिन ऐसे कई साइबर ठग अब भी सक्रिय हैं। इसलिए जरूरी है कि लोग जागरूक बनें, हर ऑनलाइन रिश्ते की गहराई से जांच करें, और कभी भी भावनाओं में बहकर आर्थिक नुकसान न करें।
अगर आप या आपके किसी परिचित को मेट्रिमोनियल साइट्स पर संदेहास्पद गतिविधि दिखे, तो तुरंत पुलिस में शिकायत करें और साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
