Recent Posts

आगरा ‘Revert Code’ धर्मांतरण रैकेट 2025: दो सगी बहनों को बनाया गया निशाना, जांच में सामने आई चौंकाने वाली साजिश


WhatsApp WhatsApp Channel
Join Now
Telegram Telegram Group
Join Now

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में एक खतरनाक और गहराई से संगठित धर्मांतरण गिरोह का खुलासा हुआ है। इस रैकेट में एक गुप्त कोड वर्ड ‘Revert’ का उपयोग किया जाता था, जिसका इस्तेमाल Converted व्यक्तियों की पुष्टि के लिए किया जाता था। इस केस में दो सगी बहनों को निशाना बनाकर, उन्हें भावनात्मक रूप से जोड़ते हुए, एक नियोजित तरीके से धर्मांतरण की प्रक्रिया से गुजारा गया।

धर्मांतरण रैकेट: एक संगठित अपराध

कैसे सामने आया मामला?

इस केस की शुरुआत एक सामान्य सी गुमशुदगी रिपोर्ट से हुई थी। दो बहनों की अचानक गतिविधियों में बदलाव आया। परिवार को शक हुआ और जब मोबाइल की जांच की गई, तब टेलीग्राम और व्हाट्सएप चैट्स से कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। इन चैट्स में बार-बार ‘Revert Done’ जैसे वाक्य दिखाई दिए।

Revert कोड वर्ड क्या है?

‘Revert’ इस्लामिक परिवेश में उस व्यक्ति के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो “वापस इस्लाम” में आता है। इस शब्द को इस रैकेट ने कोड वर्ड बना लिया, ताकि बातचीत में साफ तौर पर धर्मांतरण की बात न हो। उदाहरण के तौर पर – “Sister A revert done” मतलब अब वह व्यक्ति इस्लाम कबूल कर चुका है।

दो बहनों को कैसे फंसाया गया?

जांच में सामने आया कि ये बहनें कॉलेज जाती थीं और ऑनलाइन platforms पर एक्टिव थीं। इस गैंग के सदस्य पहले उनके संपर्क में आए, friendship develop की गई, फिर Islamic content भेजा गया। धीरे-धीरे धार्मिक बातचीत, वीडियो कॉल और online classes के जरिए मानसिक रूप से उन्हें influence किया गया। उन्हें प्यार, निकाह और जिंदगी संवारने का वादा किया गया। बाद में उन्हें “revert” करने को मजबूर किया गया।


ऑपरेशन की रणनीति: सोची-समझी साजिश

पहली स्टेज: Emotional Attachment

गिरोह के सदस्य सबसे पहले टारगेट को friendship और emotional support के ज़रिए फंसाते हैं। उन्हें लगता है कि कोई उनकी care कर रहा है।

दूसरी स्टेज: Soft Brainwashing

फिर online कुरान क्लास, Islamic teachings, और selective religious videos भेजे जाते हैं, जिससे पीड़ित का मानसिक परिवर्तन शुरू हो जाता है।

तीसरी स्टेज: Conversion via Peer Pressure

जब पीड़िता भावनात्मक रूप से जुड़ जाती है, तो conversion का दबाव बनाया जाता है। उसे कहा जाता है कि अगर वह “Revert” नहीं करेगी तो वह उस व्यक्ति को खो देगी।

चौथी स्टेज: निकाह या विदेश भेजने का झांसा

पीड़िता को यह भी कहा जाता है कि अगर वह इस्लाम कबूल कर ले तो उससे निकाह किया जाएगा या उसे Gulf countries में job दिलाई जाएगी।


तकनीकी उपकरणों और कोड वर्ड का इस्तेमाल

सोशल मीडिया और एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स

जांच एजेंसियों के अनुसार, यह गैंग मुख्य रूप से Telegram, WhatsApp, Instagram और Facebook जैसे apps का इस्तेमाल करता है। अधिकांश communication end-to-end encrypted होती है, जिससे ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।

कोड वर्ड्स की डिक्शनरी

  1. Revert – Conversion done
  2. New Sister/Brother – नया व्यक्ति टारगेट
  3. Session – Brainwashing content delivery
  4. Nikah Finalised – Marriage after conversion
  5. Silent Add – किसी को बिना जानकारियों के group में जोड़ना

जांच एजेंसियों की भूमिका और खुलासे

ATS और STF की कार्रवाई

उत्तर प्रदेश की ATS और STF ने संयुक्त रूप से इस मामले की तह तक जाने के लिए टीम बनाई। अब तक इस रैकेट से जुड़े 6 संदिग्ध गिरफ्तार हो चुके हैं। इनके पास से:

  • 5 मोबाइल फोन
  • 3 लैपटॉप
  • 12 फर्जी आधार कार्ड
  • 2 NGO से जुड़े दस्तावेज
  • कई Telegram ग्रुप्स की chat history बरामद हुई है

FIR और कानूनी धाराएं

इस केस में निम्न धाराएं लगाई गई हैं:

  • IPC Section 420 – धोखाधड़ी
  • IPC Section 295A – धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाना
  • IPC Section 506 – धमकी देना
  • IPC Section 120B – आपराधिक साजिश
  • Uttar Pradesh Prohibition of Unlawful Conversion of Religion Act, 2021 – गैरकानूनी धर्म परिवर्तन रोकने वाला कानून

ये सिर्फ आगरा की बात नहीं – पूरे यूपी में फैला नेटवर्क

इस केस के तार मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, नोएडा और लखनऊ तक जुड़ चुके हैं। ATS को शक है कि ये गिरोह प्रदेश के अलावा बाहर के राज्यों में भी एक्टिव हैं – जैसे:

  • दिल्ली NCR
  • राजस्थान के अलवर और भरतपुर
  • हरियाणा के फरीदाबाद और पलवल

धर्मांतरण के पीछे फंडिंग का संदेह

फॉरेन फंडिंग और NGO लिंक

ATS और IB को शक है कि इस पूरी साजिश के पीछे कुछ विदेशी धार्मिक संस्थाएं फंडिंग कर रही हैं। गिरफ्तार आरोपियों के बैंक अकाउंट्स की जांच में कुछ संदिग्ध ट्रांजैक्शन्स सामने आए हैं जिनमें:

  • एक बार में ₹2 लाख तक ट्रांसफर
  • कुछ NGOs के जरिए scholarship और aid के नाम पर पैसे भेजे गए
  • विदेश से donation के रूप में आने वाले फंड का दुरुपयोग

जांच एजेंसियां FCRA license वाले NGOs की सूची खंगाल रही हैं जो इस तरह की गतिविधियों में लिप्त हो सकते हैं।


उत्तर प्रदेश में धर्म परिवर्तन से जुड़े कानून

UP Freedom of Religion Act – 2021

उत्तर प्रदेश में लागू इस कानून के तहत:

  • जबरन, धोखे से, या लालच देकर धर्म परिवर्तन कराना अपराध है
  • बिना District Magistrate की अनुमति धर्मांतरण अवैध माना जाएगा
  • दोषी पाए जाने पर 3 से 10 साल तक की सजा और ₹50,000 तक का जुर्माना हो सकता है

पीड़ितों की सुरक्षा और रिहैबिलिटेशन

राज्य सरकार ने अब तक लगभग 40 से अधिक पीड़ितों को पहचानकर उन्हें Mental Health Support, Counseling और Temporary Shelter प्रदान किया है। कुछ NGOs और महिला आयोग की मदद से उनकी पुनर्वास प्रक्रिया चलाई जा रही है।


हाल के वर्षों में धर्मांतरण केसों की बढ़ती संख्या

वर्षदर्ज केसगिरफ्तारियां
202111372
202212781
202315498
2024203129
2025 (जुलाई तक)11885

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्रश्न 1: Revert का अर्थ क्या है इस केस में?

उत्तर: इसका मतलब है – उस व्यक्ति का इस्लाम में वापस आना। धर्म परिवर्तन होने के बाद उसे ‘Revert’ कहा जाता है।

प्रश्न 2: क्या दो बहनों को जबरन धर्मांतरण कराया गया?

उत्तर: रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें भावनात्मक रूप से फंसा कर, विश्वास में लेकर और दबाव बनाकर कन्वर्ट किया गया।

प्रश्न 3: क्या इस केस में कोई विदेशी संस्था शामिल है?

उत्तर: जांच एजेंसियों को कुछ संदिग्ध विदेशी फंडिंग के ट्रैक मिले हैं, जांच जारी है।

प्रश्न 4: क्या पीड़िता को सुरक्षा दी गई है?

उत्तर: हां, दोनों बहनों को महिला संरक्षण गृह में रखा गया है और काउंसलिंग की व्यवस्था की गई है।

प्रश्न 5: क्या अन्य जिलों में भी इस तरह के केस सामने आए हैं?

उत्तर: हां, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा और लखनऊ में भी ऐसे मामले दर्ज किए गए हैं।


निष्कर्ष

आगरा में सामने आया ‘Revert’ कोड रैकेट धर्मांतरण का एक नया और संगठित रूप है, जिसमें सोशल मीडिया, कोडेड भाषा, मानसिक रणनीति और फॉरेन फंडिंग जैसे तत्व शामिल हैं। यह केस समाज, सरकार और कानून व्यवस्था – तीनों के लिए गंभीर चेतावनी है।

सरकार को ऐसे नेटवर्क के खिलाफ Zero Tolerance policy अपनाते हुए जांच तेज करनी होगी। साथ ही, आम नागरिकों को भी सजग रहने की जरूरत है, खासकर जब बात बच्चों और युवाओं के मानसिक स्वास्थ्य व सोशल मीडिया गतिविधियों की हो।


Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Максимальная ставка при отыгрыше бонуса и последствия ее превышения

News

Казино с бонусом 100 и фриспины за первый депозит гид по лучшим комбинированным бонусам

News

Голографический принцип бренда как отражение философии на каждом касании с клиентом

News

Драгон Мани История Бренда

News
Ad
Scroll to Top