परिचय: कैसे सामने आया मामला?
उत्तर प्रदेश के आगरा ज़िले में एक बड़े धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें सामने आया है कि विदेशी फंडिंग हवाला के ज़रिए भेजी जा रही थी। ATS और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में ये नेटवर्क सामने आया, जो गरीब और दलित समुदाय को निशाना बनाकर उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का काम कर रहा था।

गैंग की कार्यप्रणाली: कैसे काम करता था यह रैकेट?
टारगेट समूह
- निम्न वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर लोग
- दलित और आदिवासी समुदाय
- बीमार, असहाय या बेरोजगार लोग
- जेलों और अस्पतालों में भर्ती लोग
फंडिंग का तरीका
- हवाला नेटवर्क के ज़रिए विदेशों से पैसा भेजा जाता था
- NGO और ट्रस्ट के नाम पर फर्जी लेन-देन
- दिल्ली, केरल और महाराष्ट्र से फंडिंग ट्रैक
दस्तावेज़ीकरण और लालच
- आधार, राशन कार्ड आदि की फोटोकॉपी ली जाती थी
- पैसा, शिक्षा, इलाज और नौकरी का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जाता था
नेटवर्क की पहुंच
- दिल्ली, केरल, मुंबई और नेपाल बॉर्डर तक फैलाव
- ईसाई मिशनरियों से सीधा संपर्क
ATS की कार्रवाई और खुलासे
छापेमारी
- आगरा के अछनेरा और एत्मादपुर इलाके में छापेमारी
- कई संदिग्धों की गिरफ्तारी
- भारी मात्रा में दस्तावेज, मोबाइल, लैपटॉप और ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड बरामद
बैंक ट्रांजैक्शन
- विदेशी खातों से कई लाख रुपये का ट्रांजैक्शन
- NGO के खातों के जरिए किया गया लेन-देन
- कई संदिग्ध बैंक खातों की पहचान की गई
गिरफ्तार आरोपी
- मौलवी, पादरी और NGO कार्यकर्ता शामिल
- दिल्ली और केरल से जुड़े संदिग्ध गिरफ्तार
डिजिटल सबूत
- WhatsApp चैट, Telegram ग्रुप, कॉल रिकॉर्डिंग में धर्मांतरण की योजना
- ईमेल और अंतरराष्ट्रीय नंबरों से संपर्क
कानूनी प्रक्रिया और मुकदमे
धाराएं लगाई गईं
- IPC की धारा 153A (धार्मिक विद्वेष फैलाना)
- UAPA और विदेशी फंडिंग से संबंधित धाराएं
- उत्तर प्रदेश धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम, 2021
कोर्ट की कार्रवाई
- आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत
- पुलिस रिमांड की मांग की गई
- केस की सुनवाई स्पेशल ATS कोर्ट में
SIT गठन
- विशेष जांच दल (SIT) गठित
- ATS, IB और स्थानीय खुफिया इकाइयाँ शामिल
- रिपोर्ट 15 दिन में तलब
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संबंध
विदेशी NGO और मिशनरी
- अमेरिका, दुबई, यूके के NGO संदिग्ध
- ट्रस्ट के नाम पर हवाला फंडिंग
नेपाल बॉर्डर कनेक्शन
- नेपाल से भारत में धर्म प्रचारकों की आवाजाही
- बॉर्डर से गैरकानूनी सामान और कैश भेजा गया
अन्य राज्यों में कनेक्शन
- दिल्ली: मुख्य ऑपरेशनल हब
- केरल: नेटवर्क का टेक्निकल बेस
- महाराष्ट्र: NGO रजिस्ट्रेशन और अकाउंट होल्डिंग
आंकड़े और रिपोर्ट्स
| वर्ष | उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण के केस |
|---|---|
| 2021 | 147 |
| 2022 | 219 |
| 2023 | 296 |
| 2024 (अब तक) | 187 |
सूत्र: गृह विभाग, उत्तर प्रदेश
सामाजिक प्रभाव और चिंता
समुदायों में भय
- हिंदू संगठनों में नाराजगी
- दलित समुदाय में भ्रम और तनाव
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ
- बीजेपी: “धर्मांतरण राष्ट्रविरोधी कृत्य”
- विपक्ष: “प्रशासन की विफलता”
मीडिया कवरेज
- प्रमुख न्यूज़ चैनल्स पर बहस
- ग्राउंड रिपोर्ट्स और स्टिंग ऑपरेशन
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
A1. अभी तक 7 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें मौलवी, पादरी और NGO कार्यकर्ता शामिल हैं।
A2. हां, अमेरिका, दुबई और यूके के NGO के माध्यम से फंडिंग की पुष्टि हुई है।
A3. कई दस्तावेज, मोबाइल, लैपटॉप, और लाखों रुपये के ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड ATS को मिले हैं।
A4. IPC की धारा 153A, UAPA, और उत्तर प्रदेश धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।
A5. हां, दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र और नेपाल बॉर्डर पर इसी नेटवर्क के लिंक मिले हैं।
निष्कर्ष
आगरा धर्मांतरण गैंग और हवाला फंडिंग का यह केस केवल एक कानून व्यवस्था का मामला नहीं है, बल्कि यह समाज की संवेदनशीलता और धर्म के नाम पर हो रहे षड्यंत्र का भी प्रमाण है। जरूरत है कठोर कार्रवाई, जागरूकता और सतर्कता की ताकि इस तरह की घटनाओं को जड़ से समाप्त किया जा सके।
