
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025 में महिलाओं के लिए एक नई और बेहद अहम योजना शुरू की है – भगिनी प्रसूति सहायता योजना (Bhagini Prasuti Sahayata Yojana)। इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
योजना का सीधा लाभ राज्य की गरीब और श्रमिक वर्ग की महिलाओं को मिलेगा, जिससे उन्हें डिलीवरी के दौरान और बाद में वित्तीय संकट का सामना न करना पड़े।
योजना का उद्देश्य (Objective of the Scheme)
भगिनी प्रसूति सहायता योजना 2025 का उद्देश्य है:
- गरीब गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव के लिए आर्थिक मदद देना
- मातृ मृत्यु दर (Maternal Mortality Rate) को कम करना
- महिला और नवजात शिशु के स्वास्थ्य को सुरक्षित बनाना
- असंगठित क्षेत्र की महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना
- institutional delivery को बढ़ावा देना
योजना की मुख्य विशेषताएं (Key Features)
| विशेषता | विवरण |
|---|---|
| योजना का नाम | भगिनी प्रसूति सहायता योजना उत्तर प्रदेश 2025 |
| शुरूआत | उत्तर प्रदेश राज्य सरकार |
| लाभार्थी | गर्भवती महिलाएं (BPL व असंगठित क्षेत्र से जुड़ी) |
| सहायता राशि | ₹21,000 तक |
| आवेदन माध्यम | ऑनलाइन/ऑफलाइन |
| उद्देश्य | सुरक्षित प्रसव और महिला स्वास्थ्य में सुधार |
पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
कौन महिलाएं इस योजना के लिए पात्र हैं?
1. नागरिकता:
- उत्तर प्रदेश की स्थायी निवासी होनी चाहिए
2. आय प्रमाण:
- महिला BPL श्रेणी में आती हो या असंगठित क्षेत्र की श्रमिक हो
3. प्रसव संख्या:
- योजना का लाभ पहली या दूसरी डिलीवरी तक ही सीमित है
4. अन्य शर्तें:
- महिला की उम्र कम से कम 18 वर्ष हो
- लाभार्थी के पास बैंक खाता होना चाहिए
आवेदन प्रक्रिया (How to Apply for the Scheme)
1. ऑनलाइन आवेदन:
- उत्तर प्रदेश सरकार की श्रम विभाग वेबसाइट पर जाएं
- “भगिनी प्रसूति सहायता योजना” सेक्शन में जाएं
- आधार व मोबाइल OTP से रजिस्ट्रेशन करें
- फॉर्म भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें
- आवेदन सबमिट करें और acknowledgment प्राप्त करें
2. ऑफलाइन आवेदन:
- ग्राम पंचायत या श्रम विभाग के कार्यालय से फॉर्म प्राप्त करें
- आवश्यक विवरण भरें
- प्रमाण-पत्रों के साथ जमा करें
- रिसीविंग कॉपी संभाल कर रखें
आवश्यक दस्तावेज़ (Required Documents)
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड या BPL कार्ड
- प्रसूति से संबंधित स्वास्थ्य दस्तावेज़
- बैंक पासबुक की कॉपी
- निवास प्रमाण पत्र
- श्रमिक पंजीकरण कार्ड (यदि लागू हो)
- पासपोर्ट साइज फोटो
योजना की कार्यप्रणाली (Scheme Implementation Process)
इस योजना के तहत लाभ मिलने की प्रक्रिया:
- आवेदन की जांच श्रम विभाग द्वारा की जाती है
- आवेदन स्वीकृत होने पर सम्बंधित महिला को ₹5,000 से ₹21,000 तक की राशि बैंक खाते में भेजी जाती है
- महिला द्वारा संस्थागत डिलीवरी करवाई जाती है तो अतिरिक्त लाभ दिया जाता है
- योजना में अंतिम ट्रांजेक्शन SMS या पोर्टल के माध्यम से देखा जा सकता है
योजना से जुड़े आंकड़े और सरकारी आंकलन (Data & Stats)
- वर्ष 2024 में 85,000 महिलाओं को इस योजना से लाभ मिला
- योजना के तहत अब तक ₹150 करोड़ से अधिक की राशि ट्रांसफर की जा चुकी है
- उत्तर प्रदेश में मातृ मृत्यु दर पिछले तीन वर्षों में 17% तक घटी है
- NITI Aayog की रिपोर्ट के अनुसार प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) योजना के कारण लाभ की पारदर्शिता बढ़ी है
योजना के लाभ (Benefits of the Scheme)
- वित्तीय सुरक्षा: प्रसव के समय आर्थिक बोझ कम होता है
- स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच: महिलाएं निजी या सरकारी अस्पताल में सुरक्षित डिलीवरी करवा सकती हैं
- डिलीवरी के बाद सहायता: महिला और नवजात दोनों के लिए पोषण और देखभाल की सुविधा
- बिना दलाली के सीधा लाभ: राशि सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होती है
- श्रमिक वर्ग को राहत: जो महिलाएं दिहाड़ी मजदूरी करती हैं, उन्हें डिलीवरी के दौरान आराम मिलता है
योजना में चुनौतियाँ (Challenges Faced)
- सूचना की कमी: ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को योजना की जानकारी नहीं होती
- कागज़ी प्रक्रिया जटिल: ऑफलाइन फॉर्म में त्रुटियां होना आम है
- बैंक खाता न होना: कई लाभार्थियों के पास active बैंक खाता नहीं होता
- जागरूकता अभियान की कमी: सरकार की ओर से प्रचार सीमित है
- फॉलोअप की व्यवस्था नहीं: डिलीवरी के बाद लाभ का ट्रैक नहीं रखा जाता
समाधान और सुझाव (Suggestions for Improvement)
- जनसंपर्क अभियान: ASHA वर्कर और पंचायत स्तर पर योजना की जानकारी दी जाए
- मोबाइल ऐप आधारित प्रक्रिया: सरल रजिस्ट्रेशन और ट्रैकिंग के लिए ऐप लांच किया जाए
- महिला स्वास्थ्य काउंसलिंग: डिलीवरी के पहले और बाद में चिकित्सकीय सलाह दी जाए
- बैंक सुविधा गांव तक: पोस्ट ऑफिस या बैंक मित्रों के माध्यम से खाता खुलवाने में सहायता मिले
- ग्राम स्वास्थ्य कार्यकर्ता को जिम्मेदारी: लाभ की निगरानी सुनिश्चित की जाए
उपयोगकर्ता प्रश्नोत्तर (FAQs)
उत्तर: अधिकतम दो प्रसव तक यह लाभ मान्य है।
उत्तर: नहीं, शहरी क्षेत्रों की पात्र महिलाएं भी योजना का लाभ ले सकती हैं।
उत्तर: आवेदन स्वीकृति के 15 से 30 दिन के भीतर DBT द्वारा राशि ट्रांसफर कर दी जाती है।
उत्तर: हां, यदि वह BPL परिवार से है या गरीबी रेखा के नीचे आती है, तो पात्र मानी जाएगी।
उत्तर: नहीं, आवेदन और योजना पूरी तरह निशुल्क (Free of Cost) है।
निष्कर्ष (Conclusion)
भगिनी प्रसूति सहायता योजना उत्तर प्रदेश 2025 महिलाओं के स्वास्थ्य, सम्मान और आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा में एक सशक्त कदम है। इस योजना से ना केवल मातृ मृत्यु दर में कमी आएगी बल्कि ग्रामीण व गरीब वर्ग की महिलाओं को एक सुरक्षित प्रसव और स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त होगी। अगर इसे अधिक प्रभावी ढंग से प्रचारित और पारदर्शिता से लागू किया जाए, तो यह योजना लाखों महिलाओं के जीवन में बदलाव ला सकती है।
