प्रस्तावना

उत्तर प्रदेश का आजमगढ़ जिला अचानक राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में आ गया है। वजह है एक व्यक्ति — जिसे इलाके के लोग चंगुर बाबा के नाम से जानते थे। साधारण से दिखने वाला यह बाबा वास्तव में एक संगठित अंतरराष्ट्रीय साजिश का केंद्र बिंदु निकला, जिसने सैकड़ों लोगों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया। उसकी गतिविधियों के तार न केवल भारत के कई राज्यों से जुड़े पाए गए, बल्कि पाकिस्तान, खाड़ी देशों और विदेशी फंडिंग से भी गहरे संबंध मिले हैं।
यह प्रकरण केवल एक व्यक्ति या धार्मिक अपराध का मामला नहीं, बल्कि भारत की धार्मिक अखंडता, सामाजिक ताने-बाने और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती है।
चंगुर बाबा कौन है?
चंगुर बाबा, जिसका असली नाम अब्दुल मतीन है, मूल रूप से आजमगढ़ जिले के देवलपुर गांव का रहने वाला है। वर्ष 2019 के बाद उसने खुद को एक स्वयंभू “संत” घोषित कर दिया और धर्म के नाम पर लोगों का इलाज करना, गरीबों को खाना बांटना और बेरोजगारों को नौकरी दिलाने जैसे कार्यों में लगा रहा।
धीरे-धीरे उसने अपने “आश्रम” में गुप्त रूप से धर्मांतरण की गतिविधियाँ शुरू कीं। लोगों को झाड़-फूंक, मुफ्त इलाज, नकली वैवाहिक संबंधों और आर्थिक मदद के लालच में फँसाकर धर्म परिवर्तन कराया जाता था।
धर्मांतरण का पूरा नेटवर्क कैसे चलता था?
1. गरीब और दलितों को बनाना मुख्य लक्ष्य
चंगुर बाबा का पूरा नेटवर्क उन लोगों को टारगेट करता था जो आर्थिक रूप से कमजोर, अनपढ़ या सामाजिक रूप से हाशिए पर थे। दलित और पिछड़े वर्ग के लोग मुख्य रूप से इस जाल में फंसते थे।
2. लव जिहाद का सुनियोजित उपयोग
बाबा के नेटवर्क में शादी कराने वाले एजेंट, फर्जी पहचान वाले युवक और महिला कार्यकर्ता भी शामिल थे। युवकों को हिंदू लड़कियों से प्रेम संबंध बनाने के लिए तैयार किया जाता और बाद में शादी कर धर्म परिवर्तन करवाया जाता था।
3. पाकिस्तान और Gulf Nations से Funding
ATS और खुफिया एजेंसियों की जांच में सामने आया कि बाबा को कई NGO के जरिए फंड मिल रहा था। इनमें से एक NGO पाकिस्तान के कराची शहर में स्थित पाया गया। वहीं, UAE और कतर से भी हवाला के जरिए रकम भेजी गई।
4. दस्तावेजों का फर्जीवाड़ा
धर्म परिवर्तन के बाद लोगों को नया नाम, नया आधार कार्ड, फर्जी जाति प्रमाण पत्र और यहां तक कि नया पैन कार्ड बनवाया जाता था। इससे वह सरकारी योजनाओं का लाभ भी उठाते थे।
पुलिस और ATS की कार्रवाई
2025 की शुरुआत में ATS को एक मुखबिर से सूचना मिली कि चंगुर बाबा नाम का एक व्यक्ति कई लोगों को गुप्त रूप से धर्म परिवर्तन करा रहा है। इसके बाद स्थानीय पुलिस और ATS ने बाबा के आश्रम पर छापा मारा।
छापेमारी में बरामद सामग्री:
- ₹23 लाख नकद
- 2 लैपटॉप जिसमें पाकिस्तानी नंबरों से बातचीत
- 6 मोबाइल फोन, सभी में विदेशी चैट्स और गूगल ड्राइव एक्सेस
- 130 धर्म परिवर्तन फॉर्म
- 30 नकली ID कार्ड
- विदेशी NGO से जुड़े दस्तावेज
- फर्जी विवाह प्रमाण पत्र
छापेमारी के बाद बाबा को हिरासत में ले लिया गया। 3 अन्य साथी भी पकड़े गए जिनमें एक महिला एजेंट शामिल थी जो कथित तौर पर दिल्ली, लखनऊ और भोपाल में नेटवर्क चला रही थी।
आंकड़ों में रैकेट का प्रभाव
| मापदंड | आँकड़ा |
|---|---|
| धर्म परिवर्तन पीड़ित | 300+ लोग |
| राज्यों में फैला नेटवर्क | 7 राज्य (UP, MP, Delhi आदि) |
| विदेशी NGO | 3 प्रमुख (1 पाकिस्तान से) |
| जब्त नकदी | ₹23 लाख+ |
| फर्जी दस्तावेज | 100+ ID व प्रमाणपत्र |
| संदिग्ध बैंक ट्रांजैक्शन | ₹1.5 करोड़ (2 साल में) |
धर्मांतरण में इस्तेमाल हुए तरीके
लालच आधारित परिवर्तन:
- मुफ्त राशन, नकद पैसे
- बच्चों की फीस माफ करवाने का झांसा
भय आधारित परिवर्तन:
- बीमारी ठीक न होने की धमकी
- तांत्रिक बाधा का डर दिखाना
धोखे पर आधारित परिवर्तन:
- नकली शादी और लव ट्रैप
- झूठे इलाज के नाम पर मानसिक नियंत्रण
सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों की प्रतिक्रिया
योगी सरकार का बयान:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट कहा कि राज्य में धर्मांतरण माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा। NIA को केस ट्रांसफर किया गया है ताकि अंतरराष्ट्रीय लिंक की जांच गहराई से हो सके।
विपक्ष की प्रतिक्रिया:
कुछ विपक्षी नेताओं ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई कहा है। लेकिन समाज के बड़े हिस्से और जनमत का मानना है कि यह कार्रवाई पूरी तरह सुरक्षा की दृष्टि से ज़रूरी थी।
भारत में धर्मांतरण कानून: लागू धाराएं
उत्तर प्रदेश में 2021 में लाया गया Prohibition of Unlawful Religious Conversion Ordinance इस केस में पूर्ण रूप से लागू किया गया है। चंगुर बाबा पर निम्न धाराएं लागू हैं:
- IPC 420 – धोखाधड़ी
- IPC 467/468 – जालसाजी
- IPC 153A – धार्मिक भावना भड़काना
- UAPA Act 1967 – आतंकवाद से संबंध होने पर
- Information Technology Act – साइबर माध्यमों का दुरुपयोग
सोशल मीडिया पर प्रचार और निगरानी
ATS ने बताया कि बाबा का नेटवर्क WhatsApp, Telegram और Facebook groups के जरिए धार्मिक कट्टरता और धर्म परिवर्तन के विचारों का प्रचार करता था।
अब लगभग 45 डिजिटल अकाउंट्स की निगरानी की जा रही है और 12 accounts suspend कर दिए गए हैं।
जनता और समाज के लिए चेतावनी
- धर्म के नाम पर मिलने वाली मुफ्त सेवा या मदद को तुरंत स्वीकार न करें
- कोई संदिग्ध व्यक्ति या संस्था आपसे धर्म बदलने के लिए कहे तो पुलिस को सूचित करें
- ऑनलाइन शादी या love connection के मामलों में सतर्क रहें
- किसी NGO से मिलने वाले विदेशी अनुदान की जानकारी खुद भी जांचें
FAQs
उत्तर: वह एक कथित बाबा था जो धर्मांतरण रैकेट चलाता था। उस पर जबरन धर्म बदलवाने, विदेशी फंडिंग लेने और पाकिस्तानी NGO से संबंध रखने का आरोप है।
उत्तर: हां, बाबा का नेटवर्क लव ट्रैप के जरिए हिंदू लड़कियों से शादी करवा कर धर्म परिवर्तन करता था।
उत्तर: पुलिस के अनुसार, अब तक 300 से अधिक लोग इस नेटवर्क के शिकार हो चुके हैं।
उत्तर: हां, ATS की सिफारिश पर केस अब NIA के पास है क्योंकि इसमें अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और आतंकी लिंक की आशंका है।
उत्तर: उत्तर प्रदेश धर्मांतरण प्रतिषेध अधिनियम 2021, IPC की कई धाराएं और साइबर क्राइम कानून लागू किए गए हैं।
निष्कर्ष: क्या चंगुर बाबा अकेला था?
इस मामले ने यह साफ कर दिया है कि चंगुर बाबा अकेला नहीं था। उसके पीछे एक पूरा नेटवर्क था जिसमें:
- NGO
- हवाला कारोबारी
- फर्जी marriage bureaus
- आईटी सेल
- धार्मिक कट्टरपंथी संगठनों की भूमिका हो सकती है
सरकार को चाहिए कि वह सिर्फ बाबा को जेल में डालने तक सीमित न रहे, बल्कि इस पूरे ecosystem को dismantle करे।
