उत्तर प्रदेश का औद्योगिक इंजन अब चलेगा PPP मॉडल से
उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के औद्योगिक विकास को रफ्तार देने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है। अब प्रदेश में 12 नए इंडस्ट्रियल पार्क बनाए जाएंगे जो पूरी तरह से Public-Private Partnership (PPP) मॉडल पर आधारित होंगे। इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य है – Private investment को आकर्षित करना, भूमि का बेहतर उपयोग करना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पैदा करना।

यह योजना उत्तर प्रदेश को भारत के प्रमुख औद्योगिक गंतव्यों में से एक बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
PPP मॉडल क्या होता है?
PPP यानी Public-Private Partnership, एक ऐसा मॉडल है जिसमें सरकार और निजी कंपनियां मिलकर इंफ्रास्ट्रक्चर और सर्विसेस का निर्माण करती हैं। इसमें:
- सरकार ज़मीन, नीतिगत समर्थन और बुनियादी ढांचा देती है।
- प्राइवेट कंपनियां निवेश, तकनीक और संचालन की ज़िम्मेदारी लेती हैं।
इससे निवेश की प्रक्रिया तेज़ होती है और परियोजनाओं का समय पर क्रियान्वयन होता है।
प्रस्तावित 12 इंडस्ट्रियल पार्क: कहां और कैसे?
सरकार द्वारा प्रस्तावित 12 नए इंडस्ट्रियल पार्क मुख्यतः पूर्वांचल, बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी के ज़िलों में विकसित किए जाएंगे।
| जिला | पार्क का प्रकार | अनुमानित क्षेत्रफल | संभावित निवेश |
|---|---|---|---|
| चंदौली | मल्टी-सैक्टोरल पार्क | 300 एकड़ | ₹1,500 करोड़ |
| जौनपुर | टेक्सटाइल पार्क | 200 एकड़ | ₹800 करोड़ |
| उन्नाव | फूड प्रोसेसिंग पार्क | 250 एकड़ | ₹1,000 करोड़ |
| अमेठी | मेडिकल इक्विपमेंट पार्क | 150 एकड़ | ₹700 करोड़ |
| चित्रकूट | डिफेंस सप्लाई पार्क | 400 एकड़ | ₹1,800 करोड़ |
| बलिया | लॉजिस्टिक्स हब | 180 एकड़ | ₹600 करोड़ |
| आज़मगढ़ | गारमेंट पार्क | 160 एकड़ | ₹500 करोड़ |
| झांसी | एग्रो-बेस्ड इंडस्ट्रियल पार्क | 220 एकड़ | ₹900 करोड़ |
| गोंडा | इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन | 140 एकड़ | ₹750 करोड़ |
| सुल्तानपुर | रिन्यूएबल एनर्जी पार्क | 200 एकड़ | ₹1,200 करोड़ |
| ललितपुर | सेरामिक और टाइल्स यूनिट | 170 एकड़ | ₹650 करोड़ |
| देवरिया | फार्मा क्लस्टर | 210 एकड़ | ₹950 करोड़ |
सरकार की रणनीति और Industrial Policies
उत्तर प्रदेश सरकार की “Industrial Investment & Employment Promotion Policy 2022 (Revised 2025)” के तहत PPP मॉडल को मुख्य प्राथमिकता दी गई है।
रणनीति के प्रमुख बिंदु:
- ज़मीन उपलब्ध कराने में Fast-track approach
- Minimum 60-day approval timeline
- Online monitoring via Nivesh Mitra Portal
- Viability Gap Funding (VGF) model के तहत अनुदान
इन पार्क्स से कैसे बदलेंगे उत्तर प्रदेश के हालात?
1. रोजगार में बूम
- अनुमानित 1.5 लाख प्रत्यक्ष और 3 लाख अप्रत्यक्ष नौकरियां
2. MSME को मिलेगा नया जीवन
- क्लस्टर आधारित विकास मॉडल से MSMEs को कॉन्ट्रैक्ट, टेक्नोलॉजी और बाज़ार मिलेगा
3. ग्रामीण इलाकों में उद्योग
- बुंदेलखंड और पूर्वांचल के ग्रामीण ज़िलों में भी आधुनिक उद्योग पहुंचेंगे
4. ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस
- PPP मॉडल से निजी क्षेत्र को decision-making में स्वतंत्रता, जिससे bureaucracy की दखलंदाजी कम होगी
प्राइवेट कंपनियों की रुचि और संभावनाएं
राज्य सरकार के मुताबिक, 12 में से 9 पार्क्स के लिए private players ने Letter of Intent (LOI) दे दिए हैं। बड़ी कंपनियों जैसे कि:
- Adani Logistics
- Tata Advanced Systems
- Reliance Retail Logistics
- Infosys Foundation (for electronics training hub)
- Patanjali Ayurved (for agro parks)
इन कंपनियों की रुचि यह दर्शाती है कि उत्तर प्रदेश अब उद्योगों के लिए भरोसेमंद गंतव्य बन चुका है।
केंद्र सरकार और NITI Aayog का सहयोग
PPP इंडस्ट्रियल पार्क प्रोजेक्ट्स को केंद्र सरकार की PM Gati Shakti National Master Plan और Make in India 2.0 से लिंक किया गया है।
NITI Aayog के मुताबिक, “Uttar Pradesh is showing how public-private partnerships can deliver scale and impact in Tier-2 and Tier-3 regions.”
आगे की योजना: 2026 तक का रोडमैप
- 2025 के अंत तक 6 इंडस्ट्रियल पार्कों में निर्माण कार्य शुरू होगा
- 2026 तक सभी 12 पार्क कार्यशील होंगे
- हर मंडल में कम से कम 1 PPP आधारित क्लस्टर तैयार किया जाएगा
- Green Energy, EV manufacturing और Export Hubs पर विशेष ध्यान
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
उत्तर: सरकार ज़मीन, पॉलिसी और समर्थन देती है, जबकि प्राइवेट कंपनी निवेश और संचालन करती है। दोनों मिलकर साझा रूप से विकास करते हैं।
उत्तर: हां, MSME को इन पार्क्स में प्राथमिकता दी जाएगी। Cluster-based मॉडल MSME growth को प्रोत्साहित करेगा।
उत्तर: चित्रकूट में 400 एकड़ में डिफेंस सप्लाई पार्क प्रस्तावित है, जो आकार और निवेश दोनों के हिसाब से सबसे बड़ा है।
उत्तर: जी हां, ये प्रोजेक्ट्स Tier-2 और Tier-3 शहरों में स्थित हैं और स्थानीय युवाओं के लिए स्किल ट्रेनिंग व नौकरियों के नए अवसर लाएंगे।
उत्तर: सरकार द्वारा पर्यावरणीय मंजूरी, ग्रीन बिल्डिंग मानक और सोलर एनर्जी उपयोग अनिवार्य किया गया है जिससे पर्यावरणीय संतुलन बना रहेगा।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश में PPP मॉडल पर 12 नए इंडस्ट्रियल पार्कों की घोषणा न सिर्फ निवेश को गति देने वाली है, बल्कि यह राज्य को ‘नए भारत का औद्योगिक इंजन’ बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इन प्रोजेक्ट्स के माध्यम से उत्तर प्रदेश के छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में भी औद्योगिकीकरण की रफ्तार बढ़ेगी, जिससे रोजगार, व्यापार और आर्थिक विकास के नए रास्ते खुलेंगे।
