प्रस्तावना

उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक और बड़ी सफलता दर्ज की है। 14 जुलाई 2025 को मेरठ STF ने उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक मुठभेड़ के दौरान कुख्यात अपराधी और शार्पशूटर शाहरुख पठान को मार गिराया। यह वही शाहरुख पठान है जिसने 2020 में दिल्ली के जाफराबाद में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध प्रदर्शन के दौरान खुलेआम पुलिस पर पिस्तौल तान दी थी।
शाहरुख पठान: एक अपराधी का उभार
शुरुआती घटनाएं और कुख्याति
2020 में दिल्ली में हुए दंगों के दौरान जब शाहरुख पठान की तस्वीर एक पुलिसकर्मी पर पिस्तौल तानते हुए वायरल हुई, तभी से यह नाम कानून व्यवस्था के लिए खतरा बन गया था। दिल्ली पुलिस ने उसे बाद में गिरफ्तार किया लेकिन जल्द ही वह जमानत पर बाहर आ गया।
अपराध की ओर वापसी
जेल से छूटने के बाद शाहरुख पठान पूरी तरह अपराध की दुनिया में उतर चुका था। उसने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गैंग गठित किया और वसूली, अवैध हथियारों की तस्करी और सुपारी किलिंग जैसे गंभीर अपराधों में लिप्त हो गया।
आतंक और गैंग कनेक्शन
शाहरुख पठान के बारे में जानकारी मिली कि वह नदीम और फुरकान गैंग से जुड़ा हुआ था। इस गैंग का नेटवर्क दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और यहां तक कि नेपाल बॉर्डर तक फैला हुआ था।
एनकाउंटर की पूरी कहानी
इनपुट और प्लानिंग
मेरठ STF को खुफिया जानकारी मिली कि शाहरुख पठान मुजफ्फरनगर जिले के शेरपुर चौकी क्षेत्र में एक पुराने फार्महाउस में अपने साथियों के साथ छिपा हुआ है। STF ने रातभर निगरानी की और सुबह 4 बजे ऑपरेशन शुरू किया।
मुठभेड़ का घटनाक्रम
शाहरुख को चारों ओर से घेर लिया गया। उसने पुलिस पर फायरिंग की और भागने की कोशिश की। जवाबी कार्रवाई में STF की टीम ने फायरिंग की जिसमें शाहरुख गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
घटनास्थल से जब्त सामग्री
- एक Glock पिस्टल
- देसी कट्टा
- 12 जिंदा कारतूस
- ₹42,000 नकद
- फर्जी आधार और पैन कार्ड
- 3 मोबाइल फोन
अपराधों का विस्तृत रिकॉर्ड
| वर्ष | अपराध | स्थान |
|---|---|---|
| 2020 | दिल्ली दंगे में गोलीबारी | जाफराबाद |
| 2022 | हत्या का प्रयास | मेरठ |
| 2023 | रंगदारी और अवैध हथियार तस्करी | मुजफ्फरनगर |
| 2024 | जमीन कब्जा और सुपारी किलिंग | सहारनपुर |
| 2025 | STF से मुठभेड़ | मुजफ्फरनगर |
इनामी राशि
उत्तर प्रदेश पुलिस ने शाहरुख पठान पर ₹2 लाख का इनाम घोषित किया हुआ था। यह जानकारी STF के टॉप अधिकारियों ने दी है।
STF की रणनीति और डिजिटल जांच
टेक्निकल सर्विलांस
शाहरुख की लोकेशन ट्रेस करने के लिए STF ने टेक्निकल टीम को लगाया जो लगातार मोबाइल टॉवर डेटा, सोशल मीडिया अकाउंट्स और संदिग्ध कॉल रिकॉर्ड्स को ट्रैक कर रही थी।
डिजिटल जांच और विदेशी लिंक
शाहरुख के मोबाइल से कुछ ऐसे डिजिटल ट्रांजैक्शन और वॉट्सऐप चैट्स मिले हैं जो विदेशी फंडिंग और पाकिस्तान से संवाद की ओर इशारा करते हैं। यह जांच अब ATS और साइबर सेल को सौंपी गई है।
सहयोगियों की तलाश जारी
STF के अनुसार शाहरुख के तीन और मुख्य सहयोगी फरार हैं जिनके खिलाफ UAPA और Arms Act के तहत कार्रवाई की जा रही है।
जनता और राजनीतिक प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने STF को सराहना दी और कहा कि सरकार की अपराधियों के प्रति “जीरो टॉलरेंस नीति” जारी रहेगी।
कुछ मानवाधिकार संगठनों ने एनकाउंटर की जांच की मांग की है, हालांकि अधिकांश जनता ने STF की कार्रवाई को समर्थन दिया है।
सोशल मीडिया और पब्लिक ओपिनियन
- ट्विटर पर #ShahrukhPathanEncounter टॉप ट्रेंड में रहा
- लोगों ने STF को “हीरो” करार दिया
- कुछ संगठनों ने एनकाउंटर को फर्जी बताया लेकिन ठोस साक्ष्य मिले
क्या यह गैंग खत्म हो गया है?
नहीं। STF का मानना है कि शाहरुख केवल फ्रंट फेस था। उसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क है जिसमें:
- 10 से अधिक शूटर
- हवाला ऑपरेटर
- अवैध हथियार डीलर
- डिजिटल मनी लॉन्ड्रिंग एजेंट शामिल हैं
STF अब गैंग के सभी कड़ियों को पकड़ने में जुटी है।
कानूनी प्रक्रियाएं और धाराएं
शाहरुख पठान और उसके सहयोगियों पर लगी धाराएं:
- IPC 307: हत्या का प्रयास
- IPC 353: सरकारी कर्मचारी पर हमला
- Arms Act 25/27
- UAPA (अवैध गतिविधियां रोकथाम अधिनियम)
- IT Act 66F: साइबर आतंकवाद
FAQs
उत्तर: वह दिल्ली हिंसा 2020 में गोली चलाने वाला आरोपी था जो बाद में यूपी में गैंगस्टर बन गया।
उत्तर: मुजफ्फरनगर जिले के शेरपुर इलाके में STF द्वारा 14 जुलाई 2025 को।
उत्तर: हत्या का प्रयास, हथियार तस्करी, वसूली, अवैध फंडिंग आदि 12 से अधिक गंभीर केस।
उत्तर: कुछ डिजिटल साक्ष्य ATS को मिले हैं जो पाकिस्तानी नंबरों से संवाद की ओर इशारा करते हैं।
उत्तर: STF गैंग नेटवर्क को खत्म करने के लिए ऑपरेशन जारी रखे हुए है और अन्य साथियों की तलाश कर रही है।
निष्कर्ष
शाहरुख पठान का एनकाउंटर एक बड़ा संदेश है कि यूपी में अपराध और आतंक को सहन नहीं किया जाएगा। STF की यह कार्रवाई न केवल अपराधियों के लिए चेतावनी है बल्कि राज्य की सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती भी दर्शाती है।
