
योजना का उद्देश्य: धर्म और सम्मान से जोड़ता एक सामाजिक अभियान
उत्तर प्रदेश सरकार ने सामाजिक और आध्यात्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए श्रवण कुमार श्रमिक परिवार तीर्थ यात्रा योजना 2025 शुरू की है। इसका उद्देश्य ऐसे श्रमिक परिवारों को मुफ्त तीर्थ यात्रा का अवसर देना है जो आर्थिक कारणों से कभी धार्मिक स्थल नहीं जा सके। यह योजना social inclusion, emotional well-being, और cultural exposure को बढ़ावा देती है।
योजना की प्रमुख विशेषताएं (Key Highlights of the Scheme)
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| योजना का नाम | श्रवण कुमार श्रमिक परिवार तीर्थ यात्रा योजना |
| वर्ष | 2025 |
| राज्य | उत्तर प्रदेश |
| लाभार्थी | पंजीकृत निर्माण श्रमिक और उनके माता-पिता/परिवार |
| सुविधा | मुफ्त बस यात्रा, भोजन, रहने की व्यवस्था |
| तीर्थ स्थल | वाराणसी, प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, चित्रकूट आदि |
| आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यम |
| वित्तपोषण | यूपी भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड द्वारा |
पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
H2: योजना के अंतर्गत कौन आवेदन कर सकता है?
H3: पंजीकृत श्रमिक
- आवेदनकर्ता उत्तर प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में कम से कम 1 वर्ष से पंजीकृत श्रमिक होना चाहिए।
H3: श्रमिक का परिवार
- श्रमिक स्वयं या उनके माता-पिता, जो वरिष्ठ नागरिक हों, इस यात्रा का लाभ ले सकते हैं।
H3: आयु सीमा
- आवेदक या लाभार्थी की आयु न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 65 वर्ष होनी चाहिए।
H3: परिवार की सहमति
- यदि माता-पिता को यात्रा पर भेजा जा रहा है, तो श्रमिक की सहमति अनिवार्य होगी।
लाभार्थियों को मिलने वाली सुविधाएं
H2: सरकार किन सेवाओं की व्यवस्था करती है?
H3: यात्रा सुविधा
- पूरी यात्रा राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित बसों से होगी।
- सभी तीर्थ स्थल एक तय रूट पर होंगे।
H3: भोजन और आवास
- यात्रा के दौरान सुबह-शाम का भोजन और ठहरने की सुविधा निःशुल्क दी जाएगी।
H3: मेडिकल सहायता
- हर बस में प्राथमिक चिकित्सा सुविधा होगी। वरिष्ठ नागरिकों की सेहत का विशेष ध्यान रखा जाएगा।
H3: गाइड और सुरक्षा
- हर यात्रा ग्रुप के साथ सरकारी गाइड और सुरक्षा कर्मी होंगे।
यात्रा रूट और तीर्थ स्थल (Pilgrimage Circuit)
| यात्रा ग्रुप | संभावित तीर्थ स्थल |
|---|---|
| ग्रुप A | वाराणसी – प्रयागराज – चित्रकूट |
| ग्रुप B | अयोध्या – मथुरा – वृंदावन |
| ग्रुप C | हरिद्वार – ऋषिकेश – बद्रीनाथ (सीजन के अनुसार) |
नोट: तीर्थ स्थलों की सूची बोर्ड द्वारा समय-समय पर अपडेट की जाती है।
आवेदन प्रक्रिया (How to Apply)
H2: ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों विकल्प उपलब्ध
H3: ऑनलाइन आवेदन
- उत्तर प्रदेश श्रम विभाग की वेबसाइट पर जाएं।
- ‘श्रवण कुमार श्रमिक परिवार तीर्थ यात्रा योजना’ सेक्शन पर क्लिक करें।
- New Registration करें और आवश्यक जानकारी भरें।
- दस्तावेज़ अपलोड करें और फॉर्म सबमिट करें।
H3: ऑफलाइन आवेदन
- जिला श्रम कार्यालय से आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
- सभी दस्तावेज़ संलग्न करें।
- भरे हुए फॉर्म को वापस कार्यालय में जमा करें।
H3: जरूरी दस्तावेज़
- श्रमिक रजिस्ट्रेशन कार्ड
- आधार कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- पारिवारिक सदस्यों का पहचान प्रमाण
- पासपोर्ट साइज फोटो
H3: चयन प्रक्रिया
- सभी आवेदन की स्क्रीनिंग होगी और चयन लाभार्थी सूची में नाम आने पर किया जाएगा।
योजना का सामाजिक महत्व और प्रभाव
H2: यह योजना क्यों है खास?
H3: आध्यात्मिक अनुभव
- पहली बार तीर्थ यात्रा करने वाले परिवारों को जीवनभर याद रहने वाला अनुभव प्राप्त होता है।
H3: पारिवारिक जुड़ाव
- बुजुर्गों को सम्मान और परिवार के साथ धार्मिक जुड़ाव मिलता है।
H3: सामाजिक समावेशन
- गरीब और श्रमिक वर्ग को धार्मिक अवसरों में भागीदारी मिलती है।
H3: संस्कृति के प्रति जागरूकता
- युवा पीढ़ी धार्मिक स्थलों की सांस्कृतिक विरासत को समझती है।
योजना से जुड़े आंकड़े और सरकारी रिपोर्ट
- 2024 में पायलट फेज के तहत 5 जिलों से 1500 से अधिक लोगों ने यात्रा की।
- योजना के लिए ₹25 करोड़ का बजट रखा गया है।
- 2025 में इसे 75+ जिलों में विस्तार देने की योजना है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
हाँ, सरकार इसे वार्षिक योजना के रूप में लागू करती है। आवेदन विंडो हर साल खुलती है।
वर्तमान में मुख्यतः हिंदू तीर्थ स्थल शामिल हैं, लेकिन अन्य धर्मों के स्थलों को भी योजना में शामिल करने पर विचार हो रहा है।
हाँ, लेकिन प्राथमिकता वरिष्ठ नागरिकों को दी जाती है।
एक परिवार केवल एक बार योजना का लाभ ले सकता है।
निष्कर्ष: धार्मिकता के साथ सामाजिक सम्मान
श्रवण कुमार श्रमिक परिवार तीर्थ यात्रा योजना 2025 यूपी सरकार की एक संवेदनशील और दूरदर्शी योजना है, जो समाज के उन वर्गों को सम्मान देती है जो अक्सर नजरअंदाज किए जाते हैं। यह योजना ना केवल धार्मिक यात्रा की सुविधा देती है, बल्कि सामाजिक आत्मसम्मान और परिवार के रिश्तों को भी मज़बूत करती है।
अगर आपके परिवार में कोई पंजीकृत श्रमिक है, तो इस योजना का लाभ उठाने का यह सबसे अच्छा अवसर है।
