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उत्तर प्रदेश कैबिनेट ने दी ₹21,000 करोड़ के निवेश प्रस्तावों को मंजूरी: जानिए किस जिले में लगेंगे कौन से उद्योग


प्रस्ताव का महत्त्व: यूपी को मिलेगा नया औद्योगिक चेहरा

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उत्तर प्रदेश सरकार ने 4 जुलाई 2025 को आयोजित कैबिनेट बैठक में ₹21,000 करोड़ से अधिक के 14 निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की। यह कदम राज्य को औद्योगिक हब के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। ये प्रस्ताव न केवल प्रदेश में आर्थिक विकास को रफ्तार देंगे, बल्कि हजारों युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर भी सृजित करेंगे।

यह निवेश राज्य के विभिन्न जिलों में मेडिकल, डेटा सेंटर, लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण और रक्षा निर्माण जैसे विविध क्षेत्रों में होगा। इन प्रस्तावों के ज़रिए सरकार “Make in UP 2.0”, “Ease of Doing Business” और “Industrial Corridor” जैसी नीतियों को आगे बढ़ा रही है।


कुल निवेश और ज़िलेवार विवरण

निवेश की श्रेणीविवरण
कुल प्रस्तावों की संख्या14
स्वीकृत कुल निवेश₹21,159.62 करोड़
मुख्य ज़िलेगौतमबुद्धनगर, लखनऊ, प्रयागराज, बाराबंकी, कानपुर देहात, चित्रकूट, अमेठी
संभावित रोजगार5,000+ प्रत्यक्ष रोजगार

यह निवेश उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में संतुलित औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करेगा। सरकार का उद्देश्य है कि बड़े शहरों के साथ-साथ टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी निवेश को बढ़ावा दिया जाए।


किन जिलों में लगेंगे कौन से प्रोजेक्ट

गौतमबुद्धनगर (नोएडा)

  • Microsoft द्वारा ₹2,000 करोड़ के निवेश से अत्याधुनिक Data Center की स्थापना होगी।
  • ₹3,000 करोड़ का Logistics और Warehousing Hub विकसित किया जाएगा।
  • Noida-Greater Noida क्षेत्र में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार होगा।

लखनऊ

  • ₹1,500 करोड़ का निवेश High-tech manufacturing plant में किया जाएगा।
  • एक नया Medical College और Multi-specialty Hospital की स्थापना की जाएगी।
  • IT सेक्टर के लिए विशेष Economic Zone का निर्माण प्रस्तावित है।

प्रयागराज

  • ₹800 करोड़ के निवेश से Textile और Apparel Park की स्थापना होगी।
  • राज्य सरकार द्वारा प्रयागराज को Eastern India के Textile Hub के रूप में विकसित किया जाएगा।
  • एक विशेष Skill Development Centre भी खोला जाएगा।

बाराबंकी

  • ₹600 करोड़ का निवेश Food Processing Unit में किया जाएगा।
  • किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को इससे प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।
  • Agro-based Industrial Cluster की स्थापना की जाएगी।

चित्रकूट, कानपुर देहात, अमेठी, जालौन

  • Defense sector की auxiliary units की स्थापना।
  • MSME को Defense manufacturing के लिए incentives दिए जाएंगे।
  • Employment generation के लिए Training & Incubation Hubs बनेंगे।

सरकार की नीति और रणनीति

Industrial Development Policy 2022 (Updated in 2025)

सरकार ने निवेश को आकर्षित करने के लिए “One District One Product”, “Mega Industrial Clusters”, और “Export Promotion Policy” जैसी योजनाओं को और मजबूती दी है।

नीति की मुख्य बातें:

  • 100% Stamp Duty Waiver
  • Capital Subsidy up to 25%
  • Interest Subsidy on Working Capital
  • Power Tariff Subsidy for 5 years

Make in UP 2.0

  • MSME और Heavy Industries के लिए अलग-अलग ज़ोन विकसित किए जा रहे हैं।
  • Bundelkhand Defence Corridor को तेज़ी से विकसित किया जा रहा है।
  • निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के बीच PPP मॉडल के अंतर्गत साझेदारी को बढ़ावा।

निवेश प्रस्तावों से आर्थिक और सामाजिक लाभ

आर्थिक दृष्टिकोण से लाभ

  1. GSDP में वृद्धि: इन निवेशों से राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में 0.8% से 1% तक की वृद्धि संभव।
  2. राजस्व में इजाफा: कंपनियों से टैक्स और अन्य शुल्कों के ज़रिए राज्य को लंबे समय तक राजस्व प्राप्त होगा।
  3. नई MSME इकाइयों का विस्तार: बड़े उद्योगों की स्थापना से सप्लाई चेन के रूप में MSME को बल मिलेगा।

सामाजिक दृष्टिकोण से लाभ

  1. रोजगार के नए अवसर: हर परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से हज़ारों लोगों को रोज़गार मिलेगा।
  2. स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण: स्किल सेंटर, प्रशिक्षण हब और महिला उद्यमियों को सहायता।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों में विकास: कृषि आधारित उद्योगों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल।

निवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता और सुविधा

सरकार ने निवेशकों के लिए Nivesh Mitra Portal, Single Window Clearance System, और Investment Promotion and Facilitation Cell (IPFC) जैसे डिजिटल टूल्स उपलब्ध कराए हैं। इससे approvals की प्रक्रिया तेज़, पारदर्शी और hassle-free हो गई है।

  • ऑनलाइन लीज़ आवेदन प्रणाली
  • भूमि बुकिंग की डिजिटल सुविधा
  • निवेशकों के लिए grievance redressal mechanism

निवेशकों की प्रतिक्रिया

आईटी और डेटा सेंटर सेक्टर

“उत्तर प्रदेश अब सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग हब नहीं, बल्कि डेटा और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी पहली पसंद बन रहा है।”
— एक प्रमुख डेटा सेंटर कंपनी के CEO

हेल्थकेयर सेक्टर

“Medical College और Hospital में निवेश से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधरेगी और डॉक्टरों को प्रदेश में ही अवसर मिलेंगे।”
— लखनऊ स्थित मेडिकल रिसर्चर

एग्रो-बेस्ड उद्योग

“बाराबंकी में Food Processing Units खुलने से किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे और स्थानीय मार्केट का विस्तार होगा।”
— कृषि विशेषज्ञ, बाराबंकी


भविष्य की योजनाएं

सरकार का लक्ष्य है कि 2025-26 तक ₹50,000 करोड़ के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जाए। इसके लिए हर मंडल में कम से कम एक Mega Industrial Hub विकसित किया जाएगा।

  • Women Entrepreneurship Policy 2025 के तहत महिला उद्यमियों को विशेष रियायतें
  • Solar Park और Green Hydrogen Zones पर फोकस
  • International Trade Facilitation Centres की स्थापना

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्रश्न 1: क्या ₹21,000 करोड़ के सभी निवेश प्रस्ताव निजी कंपनियों से हैं?

उत्तर: हां, ये सभी निवेश प्रस्ताव प्रमुख निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा दिए गए हैं और यूपी सरकार की औद्योगिक नीति के तहत कैबिनेट से स्वीकृत हुए हैं।

प्रश्न 2: इन प्रस्तावों से कितने लोगों को रोजगार मिलेगा?

उत्तर: अनुमान के अनुसार 5,000 से अधिक प्रत्यक्ष और 15,000 से अधिक अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर इन परियोजनाओं से उत्पन्न होंगे।

प्रश्न 3: क्या इन निवेशों से छोटे और मध्यम उद्योगों को लाभ होगा?

उत्तर: हां, बड़े उद्योगों की स्थापना से MSME सेक्टर को सप्लाई चेन, कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग, और लोकल डिस्ट्रीब्यूशन जैसी सेवाओं में लाभ होगा।

प्रश्न 4: क्या ग्रामीण क्षेत्रों में भी निवेश को बढ़ावा मिलेगा?

उत्तर: सरकार का विशेष ध्यान Tier-2 और Tier-3 शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में agro-based industries और logistics पर है।

प्रश्न 5: क्या महिला उद्यमियों के लिए भी कोई योजना है?

उत्तर: जी हां, Women Entrepreneurship Policy 2025 के अंतर्गत महिला उद्यमियों को लोन सब्सिडी, ट्रेनिंग और मार्केट एक्सेस जैसे कई लाभ प्रदान किए जा रहे हैं।

निष्कर्ष

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ₹21,000 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों को स्वीकृति देना राज्य की औद्योगिक, आर्थिक और सामाजिक संरचना में एक नई क्रांति का संकेत है। इससे न केवल प्रदेश में बड़े उद्योगों का विस्तार होगा, बल्कि लाखों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। इसके अलावा ग्रामीण अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य क्षेत्र और IT इंफ्रास्ट्रक्चर में भी व्यापक बदलाव की उम्मीद है। यह निवेश भविष्य में उत्तर प्रदेश को न केवल भारत का औद्योगिक इंजन, बल्कि ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।



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