
प्रस्तावना: क्यों चर्चा में है उत्तर प्रदेश का नया मुख्य सचिव?
उत्तर प्रदेश की नौकरशाही इन दिनों एक अहम सवाल पर केंद्रित है — राज्य का अगला मुख्य सचिव कौन होगा?
पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की विदाई के बाद सरकार के उच्चतम प्रशासनिक पद को लेकर चर्चाएं तेज हैं। जुलाई 2025 के अंतिम दिनों में यह सवाल अफसरशाही और राजनीतिक गलियारों में सबसे चर्चित बन चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार के लिए यह निर्णय केवल एक प्रशासनिक पद भरना नहीं है, बल्कि यह शासन की दिशा और प्राथमिकताओं का संकेत भी है।
संभावित दावेदारों के नाम: कौन हैं रेस में आगे?
1. संजय प्रसाद (1989 बैच IAS)
वर्तमान पद: प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री
इनकी छवि एक भरोसेमंद और लो-प्रोफाइल अफसर के रूप में है। मुख्यमंत्री के सबसे करीबी अधिकारियों में से एक माने जाते हैं।
2. दीपक कुमार (1990 बैच IAS)
वर्तमान पद: अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग
नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना अथॉरिटी जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों में इनका गहरा अनुभव है।
3. अनुराग श्रीवास्तव (1994 बैच IAS)
वर्तमान पद: प्रमुख सचिव, नगर विकास
केंद्रीय प्रतिनियुक्ति और लखनऊ मेट्रो प्रोजेक्ट में बेहतर रिकॉर्ड।
4. अमृत अभिजात (1995 बैच IAS)
वर्तमान पद: केंद्र सरकार में सेवारत
अगर मुख्यमंत्री दिल्ली से कोई नाम लाते हैं, तो अमृत अभिजात प्रमुख विकल्प माने जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकताएं
मुख्यमंत्री के लिए नया मुख्य सचिव चुनना एक रणनीतिक निर्णय है, जिससे यह तय होगा कि आने वाले महीनों में नौकरशाही का संचालन कैसे होगा।
कुछ मुख्य विचार बिंदु:
- Administrative control: मुख्यमंत्री को प्रशासनिक अनुशासन प्रिय है।
- Political alignment: वे अफसर को उसी के अनुसार चुनते हैं जो उनके विजन से मेल खाता हो।
- Clean image: भ्रस्टाचार रहित और दक्ष प्रशासन अनुभव वाला अफसर वरीयता में होगा।
बैच वाइज स्थिति और वरिष्ठता क्रम
मुख्य सचिव पद के लिए वरिष्ठता महत्वपूर्ण होती है, लेकिन अंतिम निर्णय केवल उसी पर निर्भर नहीं करता।
| बैच वर्ष | संभावित नाम | वर्तमान पद |
|---|---|---|
| 1989 | संजय प्रसाद | प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री |
| 1990 | दीपक कुमार | अवस्थापना विकास |
| 1994 | अनुराग श्रीवास्तव | नगर विकास |
| 1995 | अमृत अभिजात | केंद्र में पदस्थ |
मुख्य सचिव की भूमिका क्यों है इतनी महत्वपूर्ण?
मुख्य सचिव राज्य सरकार का सबसे वरिष्ठ नौकरशाह होता है जो सभी प्रशासनिक विभागों के समन्वयक होते हैं।
इनकी मुख्य जिम्मेदारियां होती हैं:
- शासनादेशों की निगरानी
- मंत्रियों व विभागों के बीच तालमेल
- IAS ट्रांसफर-पोस्टिंग पर सलाह
- मुख्यमंत्री के निर्देशों का कार्यान्वयन
- नीतिगत फैसलों पर प्रशासनिक अनुशंसा
पिछले वर्षों के अनुभव से क्या सीख?
2023 में दुर्गाशंकर मिश्र की नियुक्ति
सीधे केंद्र से लाकर योगी सरकार ने संकेत दिया कि वे फैसलों में पारंपरिक ढांचे से ऊपर सोचते हैं।
2024 में मनोज कुमार सिंह की नियुक्ति
समाजवादी पृष्ठभूमि होने के बावजूद उन्हें कुशल प्रशासक के तौर पर नियुक्त किया गया।
इस बार भी योगी सरकार उस अफसर को चुनेगी जो राजनीतिक संतुलन, अफसरशाही पर पकड़ और उनके विजन से मेल खाता हो।
भविष्य की प्राथमिकताएं क्या तय करेंगी नया चेहरा?
राज्य में 2026 के विधानसभा चुनाव और 2027 के निकाय चुनाव जैसे कई बड़े एजेंडा हैं। ऐसे में नया मुख्य सचिव वही होना चाहिए जो:
- E-governance initiatives को तेज कर सके
- Law & Order की स्थिति को सुदृढ़ बनाए
- Industrial development को गति दे सके
- Center-State coordination को बेहतर कर सके
निष्कर्ष: तस्वीर जल्द साफ होगी
मुख्य सचिव का चयन महज एक अफसर की नियुक्ति नहीं, बल्कि शासन की दिशा तय करने वाला फैसला है।
राज्य सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, फैसला अगले 2–3 दिनों में हो सकता है, क्योंकि शासन में स्थायित्व आवश्यक है।
FAQs: उत्तर प्रदेश के नए मुख्य सचिव 2025 से जुड़े सवाल
उत्तर: फिलहाल संजय प्रसाद, दीपक कुमार, अनुराग श्रीवास्तव और अमृत अभिजात के नाम चर्चा में हैं।
उत्तर: नहीं, मुख्यमंत्री की प्राथमिकता, अफसर की कार्यशैली और प्रशासनिक अनुभव भी निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
उत्तर: मुख्य सचिव प्रशासनिक प्रमुख होते हैं जो विभागों के कार्यों का समन्वय और मुख्यमंत्री को सलाह देते हैं।
उत्तर: हां, पहले भी ऐसा हो चुका है, जैसे दुर्गाशंकर मिश्र को केंद्र से बुलाया गया था।
उत्तर: रिपोर्ट्स के अनुसार, फैसला आने वाले 2-3 दिनों में हो सकता है क्योंकि वर्तमान कार्यवाहक मुख्य सचिव की नियुक्ति अस्थायी है।
