उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब प्रदेश के दूरदराज और ग्रामीण इलाकों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल तक पहुंचने के लिए सरकार ₹6000 वार्षिक यात्रा भत्ता (travel allowance) देगी। इस योजना को वर्ष 2025 में पूरे राज्य में लागू किया गया है।
इस आर्टिकल में हम योजना के सभी पहलुओं जैसे उद्देश्य, पात्रता, लाभ, आवेदन प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेज, आंकड़े, विशेषज्ञ की राय और तुलना अन्य राज्यों से विस्तार से जानेंगे।

योजना का उद्देश्य: शिक्षा तक पहुँच को सुलभ बनाना
UP School Travel Allowance Scheme 2025 का मुख्य उद्देश्य उन छात्रों की सहायता करना है जो स्कूल जाने के लिए रोज लंबी दूरी तय करते हैं। खासकर ग्रामीण, पहाड़ी, पिछड़े और सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले छात्रों के लिए यह योजना वरदान साबित होगी।
राज्य सरकार के अनुसार, यात्रा में आने वाला खर्च गरीब परिवारों के बच्चों की पढ़ाई छोड़ने का एक बड़ा कारण है। यह योजना छात्रों के dropout rate को कम करने, attendance बढ़ाने और शिक्षा में समानता लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
इस योजना का लाभ केवल उन्हीं छात्रों को मिलेगा जो निम्नलिखित शर्तों को पूरा करते हैं:
1. स्कूल का प्रकार
छात्र उत्तर प्रदेश के किसी सरकारी या सहायता प्राप्त (aided) विद्यालय में कक्षा 1 से 12 तक अध्ययनरत होना चाहिए। प्राइवेट स्कूलों के छात्र इस योजना के पात्र नहीं हैं।
2. दूरी की शर्त
छात्र का स्कूल उसके घर से न्यूनतम 2 किलोमीटर दूर होना चाहिए। इससे कम दूरी वाले छात्र योजना के लाभ के लिए पात्र नहीं माने जाएंगे।
3. उपस्थिति का मानक
छात्र की वार्षिक उपस्थिति कम से कम 75% होनी चाहिए। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्र नियमित रूप से स्कूल जाते हैं।
4. पारिवारिक आय
छात्र के परिवार की वार्षिक आय ₹1 लाख से कम होनी चाहिए। यह निर्धारण आय प्रमाण पत्र के माध्यम से किया जाएगा।
5. बैंक खाता अनिवार्य
छात्र या उसके माता-पिता के नाम से बैंक खाता होना अनिवार्य है। योजना की राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से सीधे खाते में भेजी जाएगी।
आवेदन प्रक्रिया (How to Apply for School Travel Allowance Scheme 2025)
इस योजना के अंतर्गत आवेदन प्रक्रिया फिलहाल ऑफलाइन मोड में ही संचालित हो रही है। सरकार ने संकेत दिया है कि भविष्य में इसे online portal के माध्यम से भी जोड़ा जाएगा।
आवेदन के मुख्य चरण:
- फॉर्म प्राप्त करें: छात्र अपने स्कूल प्रशासन से यात्रा भत्ता योजना का आवेदन पत्र प्राप्त कर सकते हैं।
- फॉर्म भरें और दस्तावेज़ संलग्न करें: सभी आवश्यक जानकारियों को भरें और जरूरी दस्तावेजों की प्रतियां लगाएं।
- स्कूल को जमा करें: भरे हुए फॉर्म को स्कूल के प्रधानाचार्य या नामित नोडल अधिकारी को जमा करें।
- जांच और अग्रेषण: स्कूल प्रशासन आवेदन की जांच करेगा और पात्र छात्रों की सूची जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी जाएगी।
- भुगतान: पात्र छात्रों को ₹6000 की राशि सीधे बैंक खाते में भेजी जाएगी।
आवश्यक दस्तावेजों की सूची
- आधार कार्ड (छात्र या अभिभावक का)
- विद्यालय प्रमाण पत्र (जिसमें कक्षा और स्कूल की जानकारी हो)
- डोमिसाइल सर्टिफिकेट (उत्तर प्रदेश का निवासी प्रमाण)
- आय प्रमाण पत्र (तहसील से प्राप्त)
- बैंक पासबुक की कॉपी
- फोटो (पासपोर्ट साइज – हाल ही में खिंचवाई गई)
- स्कूल से जारी दूरी प्रमाण पत्र
योजना के प्रमुख लाभ
इस योजना के तहत मिलने वाले लाभ छात्रों को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित करेंगे और परिवहन की परेशानी को दूर करेंगे।
| लाभ का प्रकार | विवरण |
|---|---|
| आर्थिक सहायता | ₹6000 प्रतिवर्ष यात्रा भत्ता |
| भुगतान का तरीका | डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) |
| पात्र छात्रों की संख्या | लगभग 10 लाख छात्र |
| लागू क्षेत्र | पूरे उत्तर प्रदेश में |
| लाभार्थी वर्ग | कक्षा 1 से 12 तक के सरकारी/सहायता प्राप्त विद्यालयों के छात्र |
योजना की शुरुआत और विकास
- यह योजना 2024 में पायलट बेसिस पर कुछ जिलों में शुरू की गई थी।
- 2025 में इसे पूरे राज्य में लागू किया गया।
- प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, जिन जिलों में योजना पहले शुरू की गई, वहां dropout rates में लगभग 15% की कमी देखी गई।
आंकड़ों के साथ विश्लेषण (Data-driven Insights)
राज्य शिक्षा विभाग के अनुसार:
- उत्तर प्रदेश के लगभग 48% सरकारी स्कूल ग्रामीण इलाकों में स्थित हैं।
- हर तीसरा छात्र अपने घर से 2 किमी या उससे अधिक दूर स्कूल जाता है।
- योजना के लिए ₹600 करोड़ का बजट प्रस्तावित है।
- लगभग 10 लाख छात्रों को प्रथम वर्ष में लाभ मिलने का अनुमान है।
विशेषज्ञों की राय (Expert Opinion)
डॉ. रेखा मिश्रा, IAS अधिकारी एवं शिक्षा विभाग की सचिव, कहती हैं:
“इस योजना का उद्देश्य केवल आर्थिक सहायता देना नहीं है, बल्कि छात्रों को स्कूल से जोड़कर राज्य के शैक्षिक स्तर को ऊपर उठाना है।”
वहीं, शिक्षा नीति विशेषज्ञ प्रो. अजय सिंह मानते हैं:
“छात्रों के बीच यात्रा खर्च एक अदृश्य दीवार है। यह योजना उस दीवार को गिराने का प्रयास है।”
योजना की तुलना अन्य राज्यों से
| राज्य | योजना का नाम | वार्षिक सहायता |
|---|---|---|
| उत्तर प्रदेश | स्कूल ट्रैवल अलाउंस योजना | ₹6000 |
| बिहार | बाल परिवहन योजना | ₹2500 |
| महाराष्ट्र | शिक्षण यात्रा योजना | ₹3000 |
| झारखंड | छात्र परिवहन भत्ता योजना | ₹2000 |
इस तुलना से स्पष्ट है कि उत्तर प्रदेश की योजना सबसे प्रभावशाली है।
योजना से जुड़ी कुछ प्रमुख चुनौतियाँ
- सूचना का अभाव: ग्रामीण क्षेत्रों में योजना की जानकारी कम है।
- ऑनलाइन पोर्टल की कमी: आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन है, जिससे पारदर्शिता और ट्रैकिंग में बाधा आती है।
- भुगतान में देरी: कुछ जिलों में राशि ट्रांसफर में समय लग सकता है।
- स्कूल प्रशासन की लापरवाही: कई स्कूल समय पर आवेदन फार्म नहीं वितरित करते हैं।
समाधान और सुझाव
- योजना के लिए dedicated online portal लॉन्च किया जाए।
- ब्लॉक स्तर पर हेल्प डेस्क और सूचना केंद्र बनाए जाएं।
- Mobile App के माध्यम से छात्रों को status अपडेट और आवेदन की सुविधा मिले।
- पात्रता की स्वचालित जाँच डिजिटली हो, जिससे अपात्र छात्र योजना का लाभ न ले सकें।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
नहीं, केवल सरकारी या सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए ही है।
राशि एक बार में साल में एक बार DBT के माध्यम से दी जाएगी।
वर्तमान में आवेदन प्रक्रिया ऑफलाइन है, लेकिन भविष्य में ऑनलाइन पोर्टल लांच किया जा सकता है।
नहीं, पात्रता के लिए न्यूनतम दूरी 2 किमी आवश्यक है।
नहीं, यह योजना सिर्फ सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों के छात्रों के लिए है।
निष्कर्ष
UP School Travel Allowance Scheme 2025 उत्तर प्रदेश सरकार का एक प्रगतिशील कदम है जो शिक्षा को सुलभ बनाने और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य करेगा। ₹6000 का यह यात्रा भत्ता केवल एक राशि नहीं है, बल्कि छात्रों की शिक्षा से दूरी को कम करने का एक प्रयास है।
अगर आप योजना की पात्रता शर्तें पूरी करते हैं, तो तुरंत अपने विद्यालय से संपर्क करें और आवेदन प्रक्रिया शुरू करें।
